Time capsule kya hai? what is time capsule?
आखिर टाइम कैप्सूल क्या होता है? इसे जमीन के नीचे गाड़कर क्या फायदा होगा , टाइम कैप्सूल (time capsule) में क्या संदेश लिखा होता है? और क्या ये पहली बार है जब किसी मंदिर या फिर धरोहर के नीचे टाइम कप्सूल को रखा जा रहा हो?
टाइम कैप्सूल क्या है? (time capsule kya hai?)
टाइम कैप्सूल आकार में एक कंटेनर की तरह होता है, इसे मुख्य रूप से तांबे से बनाया जाता है. टाइम कैप्सूल हर तरह के मौसम और तापमान को सहन करने में सक्षम होता है. टाइम कैप्सूल भविष्य की पीढ़ियों के साथ संवाद करने के लिए सूचना या सामान का एक ऐतिहासिक दस्तावेज होता है. इसे किसी ऐतिहासिक स्थल या स्मारक की नींव में काफी गहराई में दफनाया जाता है.
यह पुरातत्व, मानवविज्ञानी और इतिहासकारों को किसी भी जगह के बारे में अध्ययन करने में भी मदद करता है. आमतौर पर, टाइम कैप्सूल को इमारतों की नींव पर रखा जाता है ताकि उस इमारत से जुड़े इतिहास को भविष्य में सुरक्षित रखा जा सके.
दोस्तों अब बात कर लेते है राम मंदिर में रखे जाने वाले टाइम कैप्सूल की
राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा अयोध्या में ‘राम मंदिर’ के 2,000 फीट निचे ‘टाइम कैप्सूल’ रखा जायेगा. गौरतलब है की इस ‘टाइम कैप्सूल’ में राम जन्मभूमि का विस्तृत इतिहास लिखा गया है. ट्रस्ट के सदस्य कम्हेश्वर चौपाल के अनुसार, भविष्य में राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र में किसी भी विवाद से बचने के लिए कैप्सूल को मंदिर साइट से हजारों फीट नीचे रखा जाएगा.

टाइम कैप्सूल में क्या संदेश लिखा होता है?
टाइम कैप्सूल में अयोध्या, भगवान राम और उनके जन्म स्थान के बारे में संस्कृत में एक संदेश लिखा गया है. समय कैप्सूल को साइट के नीचे रखने से पहले एक तांबे की प्लेट या ‘ताम्र पात्र’ के अंदर रखा जाएगा। चौपाल के अनुसार, संस्कृत के कुछ शब्दों को चुना गया है , जिससे कम से कम सब्दो में लंबे वाक्य लिखे जायेंगे.
पर ध्यान देने योग्य बात यह है कि भूमि पूजन के दिन समय इस कैप्सूल को नहीं रखा जाएगा, क्योंकि इसे पढ़ने में ज्यादा समय लगेगा। न्यूनतम संभव शब्दों में सटीक सामग्री लिखने के लिए विशेषज्ञों से संपर्क किया जायेगा.
भारत के कुछ टाइम कैप्सूल (time capsule)
- भारत में सबसे पहले, इंदिरा गांधी जी ने लाल किले के द्वार के बाहर एक टाइम कैप्सूल रखा था. राजनीतिक विरोध के बीच 15 अगस्त, 1972 को भारत की स्वतंत्रता के बाद के इतिहास वाले काल कैप्सूल को ‘कल्पात्रा’ नाम दिया गया था, और इस कैप्सूल को 1000 साल बाद खोला जाना है.

- भारत की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल जी की उपस्थिति में, 6 मार्च, 2010 को IIT कानपुर के सभागार के पास एक टाइम कैप्सूल रखा गया था.
- 2010 में, एक समय कैप्सूल महात्मा मंदिर, गांधीनगर में रखा गया है.
- वर्ष 2014 में, एलेक्जेंड्रा गर्ल्स एजुकेशन इंस्टीट्यूशन, मुंबई ने एक समय कैप्सूल दफन किया, जिसे स्कूल की द्वि-शताब्दी वर्षगांठ के अवसर पर 1 सितंबर 2062 को खोला जाना है.
- एलपीयू द्वारा आयोजित 106 वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस ’के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के परिसर में एक समय कैप्सूल रखा गया है.
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